tag:blogger.com,1999:blog-1199354443144719131.post2003977350322346565..comments2024-02-14T05:25:32.025+05:30Comments on शब्दबंध: शब्दबंध २०१० : वृत्तांतप्रशांतhttp://www.blogger.com/profile/00684642374587753836noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1199354443144719131.post-71391955758484362022024-02-14T05:25:32.025+05:302024-02-14T05:25:32.025+05:30प्रशांत शब्दबंध अजान चालू आहें का ?प्रशांत शब्दबंध अजान चालू आहें का ?Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1199354443144719131.post-44528842730704694802021-04-18T19:48:36.116+05:302021-04-18T19:48:36.116+05:30आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्र...आप की पोस्ट बहुत अच्छी है <a href="https://www.hindi-kavita.in" rel="nofollow">आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं। </a>Hindi Kavitahttps://www.blogger.com/profile/10873976118898481461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1199354443144719131.post-88777451830458780082012-10-09T04:38:52.150+05:302012-10-09T04:38:52.150+05:30ब्लॉग जगत में अनुनासिक की अनदेखी
अनुस्वार ,अनुनास...ब्लॉग जगत में अनुनासिक की अनदेखी<br /><br />अनुस्वार ,अनुनासिक की अनदेखी अपनी नाक की अनदेखी है .लेकिन नाक पे तवज्जो इतनी ज्यादा भी न हो<br /><br />कि आदमी का मुंह ही गौण हो जाए .<br /><br />भाषा की बुनावट कई मर्तबा व्यंजना में रहती है ,तंज में रहती है इसलिए दोस्तों बुरा न मनाएं .<br /><br /><br /><br />आदमी अपने स्वभाव को छोड़ कर कहीं नहीं जा सकता .ये नहीं है कि हमारा ब्लॉग जगत में किसी से द्वेष है<br /><br />केवल विशुद्धता की वजह से हम कई मर्तबा भिड़ जाते हैं .पता चलता है बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया .अब<br /><br />डाल दिया तो डाल दिया .अपनी कहके ही हटेंगे आज .<br /><br />जिनको परमात्मा ने सजा दी होती है वह नाक से बोलते हैं और मुंह से नहीं बोल सकते बोलते वक्त शब्दों को<br /><br />खा भी जातें हैं जैसे अखिलेश जी के नेताजी हैं मुलायम अली .<br /><br />लेकिन जहां ज़रूरी होता है वहां नाक से भी बोलना पड़ता है .भले हम नाक से बोलने के लिए अभिशप्त नहीं हैं .<br /><br />अब कुछ शब्द प्रयोगों को लेतें हैं -<br /><br />नाई ,बाई ,कसाई ......इनका बहुवचन बनाते समय "ईकारांत "को इकारांत हो जाता है यानी ई को इ हो जाएगा<br /><br />.नाइयों ,बाइयों ,कसाइयों हो जाएगा .ऐसे ही "ऊकारांत "को "उकारांत " हो जाता है .<br /><br />"उ " को उन्हें करेंगे तो हे को अनुनासिक हो जाता है यानी ने पे बिंदी आती है .<br /><br />लेकिन ने पे यह नियम लागू नहीं होता है .ने को बिंदी नहीं आती है .बहने ,गहने पे बिंदी नहीं आयेगी .लेकिन<br /><br />मेहमानों ,पहलवानों ,बहनों पे बिंदी आयेगी .<br /><br />ब्लॉग जगत में आम गलतियां जो देखने में आ रहीं हैं वह यह हैं कि कई ब्लोगर नाक से नहीं बोल पा रहें हैं मुंह<br /><br />से ही बोले जा रहें हैं .<br /><br />में को न जाने कैसे मे लिखे जा रहें हैं .है और हैं में भी बहुत गोलमाल हो रहा है .<br /><br />मम्मीजी जातीं "हैं ".यहाँ "हैं "आदर सूचक है मम्मी जाती है ठीक है बच्चा बोले तो लाड़ में आके .<br /><br />अब देखिए हमने कहा में हमने ही रहेगा हमनें नहीं होगा .ने में बिंदी नहीं आती है .लेकिन उन्होंने में हे पे बिंदी<br /><br />आयेगी ही आयेगी .अपने कई चिठ्ठाकार बहुत बढ़िया लिख रहें हैं लेकिन मुंह से बोले जा रहें हैं .नाक का<br /><br />इस्तेमाल नहीं कर रहें हैं .<br /><br />यह इस नव -मीडिया के भविष्य के लिए अच्छी बात नहीं है जो वैसे ही कईयों के निशाने पे है .<br /><br />मेरा इरादा यहाँ किसी को भी छोटा करके आंकना नहीं है .ये मेरी स्वभावगत प्रतिक्रिया है .<br /><br />कबीरा खड़ा सराय में चाहे सबकी खैर ,<br /><br />ना काहू से दोस्ती ना काहू से वैर .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1199354443144719131.post-83046890735700514682011-05-28T21:57:23.070+05:302011-05-28T21:57:23.070+05:30ह्यावेळी शब्दबंधची घोषणा झालीच नाही काय??? ते जूनच...ह्यावेळी शब्दबंधची घोषणा झालीच नाही काय??? ते जूनच्या पहिल्या आठवड्यात असते ना... ?रोहन...https://www.blogger.com/profile/02438552598999110493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1199354443144719131.post-23888275072690797362010-09-06T21:08:54.887+05:302010-09-06T21:08:54.887+05:30वा हे छान केलंत. हे आवश्यक होतं. विस्त़त वृतांत ही...वा हे छान केलंत. हे आवश्यक होतं. विस्त़त वृतांत ही मिळेल ना ?Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.com